“हर पीढ़ी में अच्छाइयाँ और बुराइयां रही ही है।“- इस वाक्य के आधार पर मनीषा कुलश्रेष्ठ के विचारों पर प्रकाश डालिए। “Har peedhee mein achchhaiyaan aur buraiyaan rahee hee hai.“- is vaakya ke aadhaar par manisha kulashreshth ke vichaaron par prakaash daalie.| Bigrail Bacche | बिगड़ैल बच्चे | Hindi Class 11 notes | WBCHSE
उत्तर: लेखिका मनीषा कुलश्रेष्ठ दिल्ली से जयपुर जाने वाली पिंक सिटी ट्रेन में सवार होती है। गाड़ी के उसी डब्बे में एक डाक्टर दंपति भी सवार है। उसी डिब्बे में गोवा के निवासी तीन बच्चे सवार होते हैं। देखने में तीनों मध्यम वर्गीय हैं किंतु आधुनिक फैशन को अपनाए हुए हैं। उनके हाथों में गिटार, वॉकमैन, ईयर फोन आदि है। उनके हाव-भाव, बोल-चाल और वेशभूषा आदि देखकर लग रहा था कि वे तीनों जो कर रहे थे उनके लिए फैशन था, किंतु उनका मध्यम वर्गीय फूहड़पन झलक रहा था। उनके इन्हीं हाव-भाव को देखकर लेखिका और डाक्टर दंपति उनके बारे में अनेक प्रकार की बातें कर रहे थे। डॉक्टर साहब ने कहा कि हमारे देश की युवा पीढ़ी का हाल बिल्कुल ठीक नहीं है। इस पर उनकी पत्नी भी कह देती कि नई पीढ़ी के बच्चे बदतमीज और संस्कारहीन होते जा रहे हैं। इसमें टी.वी. चैनल का योगदान भी कम नहीं है। इस पर लेखिका कहती है कि हर पीढ़ी में अच्छाइयाँ और बुराइयाँ रही है। किसी में थोड़ी कम तो किसी में थोड़ी अधिक। यह नई पीढ़ी के बच्चे भोगवाद और भौतिकवाद में विश्वास रखने वाले हैं। इन्हें खाओ, पियो और मौज उड़ाओ की जिंदगी जीना पसंद है। लेखिका कहती है कि नई पीढ़ी चाहे जैसी भी हो इन्हीं पर हमारा भविष्य भी टीका हुआ है। कहानी के अंत में देखा जाता है कि नई पीढ़ी में केवल बुराइयां ही नहीं बल्कि कुछ अच्छाइयां भी है। पुरानी पीढ़ी की तुलना में नई पीढ़ी के बच्चे अधिक संवेदनशील और परोपकारी है। लेखिका प्लेटफार्म पर गिर कर बेहोश हो जाती है। गाड़ी के डब्बे में बैठे डॉक्टर की पत्नी लेखिका को गिरते हुए देखते हैं फिर भी मदद के लिए नहीं उतरते हैं क्योंकि उनकी ट्रेन छुट जाती। यह पुरानी पीढ़ी की असंवेदनशीलता है। वहीं दूसरी ओर रोजर, लीजा एवं कीथ तीनों अपना और लेखिका का समान लेकर ट्रेन से कूद जाते हैं। वे लेखिका को उठाकर उनका इलाज करवाते हैं और इलाज के बाद उनके साथी जयपुर तक जाते हैं। लेखिका के प्रति उनकी सहानुभूति नई पीढ़ी की अच्छाइयों का प्रतीक है।
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ReplyDeleteMake more articles on big rail bachche